रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सिक्योरिटी की बात आती है तो उनकी कार ऑरस सीनेट का नाम जरूर लिया जाता है। यह कार सिर्फ एक गाड़ी नहीं, बल्कि चलता‑फिरता किला मानी जाती है, जिसमें बैठे शख्स तक पहुंचना लगभग नामुमकिन जैसा है। स्टाइल, लग्जरी और सिक्योरिटी – तीनों चीजें एक साथ इस कार में मिलती हैं, इसलिए इसे आम कारों से कहीं ऊपर रखा जाता है।

President Putin’s Armored Car – Aurus Senat
रूस की अपनी सुपर लग्जरी राष्ट्रपति कार
ऑरस सीनेट रूस में बनी अल्ट्रा‑लक्जरी आर्मर्ड लिमोज़ीन है, जिसे खास तौर पर राष्ट्रपति के लिए तैयार किया गया है। इसे 2013 में शुरू हुए कोर्टेज प्रोजेक्ट के तहत डेवलप किया गया ताकि विदेशी कारों पर निर्भरता खत्म की जा सके। पहले जहां मर्सिडीज जैसी विदेशी गाड़ियां इस्तेमाल होती थीं, अब उनकी जगह यह देसी लेकिन हाई‑टेक कार ने ले ली है। 2018 में पुतिन के शपथ ग्रहण के दौरान पहली बार दुनिया ने इसे खुले में चलते हुए देखा, तभी से इसे “रशियन रोल्स‑रॉयस” कहा जाने लगा, क्योंकि इसका लुक काफी हद तक सुपर लग्जरी कारों जैसा दिखता है।
इस कार को ऑरस मोटर्स बनाती है और इसके डेवलपमेंट में रूस का NAMI Institute, Sollers और Tawazun Holding जैसे नाम जुड़े हैं। आम लोगों के लिए इसका लिमिटेड प्रोडक्शन वर्जन आता है, लेकिन पुतिन वाली फुली आर्मर्ड लिमोज़ीन सिर्फ हेड ऑफ स्टेट जैसी टॉप पोजिशन के लिए ही तैयार होती है।
दमदार इंजन और स्पोर्ट्स कार जैसी रफ्तार
आमतौर पर इतनी भारी और बुलेटप्रूफ कारों में रफ्तार थोड़ी कम मानी जाती है, लेकिन ऑरस सीनेट इस सोच को गलत साबित करती है। इसमें 4.4‑लीटर ट्विन‑टर्बो V8 इंजन लगा है, जो करीब 600 के आसपास बीएचपी और तगड़ा टॉर्क देता है। यही वजह है कि यह लगभग 7 मीटर लंबी और भारी आर्मर वाली कार 0 से 100 किमी/घंटा की स्पीड सिर्फ कुछ सेकंड में पकड़ लेती है। इसकी टॉप स्पीड लगभग 240–250 किमी/घंटा के बीच बताई जाती है। कुछ वेरिएंट में V12 इंजन और हाइब्रिड टेक्नोलॉजी भी दी गई है, जिससे पावर और स्मूदनेस दोनों बढ़ जाते हैं।

Russian presidential car
क्यों कहलाती है ‘चलता‑फिरता किला’?
इस कार की सबसे बड़ी खासियत इसकी सुरक्षा है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि बड़े से बड़ा हमला भी अंदर बैठे व्यक्ति तक न पहुंच सके। कार में अनेक हाई‑सिक्योरिटी फीचर दिए गए हैं, जैसे:
- VR10 लेवल तक का आर्मर, जो हैवी फायरिंग और विस्फोट झेल सके।
- मोटा बैलिस्टिक ग्लास, जो गोलियां और शार्पनेल रोक ले।
- बम‑प्रूफ अंडरबॉडी, यानी नीचे से होने वाले ब्लास्ट में भी केबिन सुरक्षित रहे।
- रन‑फ्लैट टायर्स, जिससे टायर फट जाएं तो भी कार अच्छी स्पीड से काफी दूरी तक चल सके।
- ऑटोमैटिक फायर सप्रेशन सिस्टम, जिससे आग लगने पर खुद ही बुझाने की व्यवस्था हो।
- इंडिपेंडेंट ऑक्सीजन सप्लाई, ताकि केमिकल या गैस अटैक में भी अंदर बैठे लोग सुरक्षित सांस ले सकें।
कहा जाता है कि अगर इसके चारों टायर एक साथ डैमेज हो जाएं, तब भी यह लगभग 80 किमी/घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है। कांच की मोटाई कई सेंटीमीटर तक होती है, जो AK‑47, असॉल्ट राइफल और ग्रेनेड जैसी धमाकेदार चीजों से भी बचाव देने में सक्षम मानी जाती है।
अपने आप खतरा पहचानने वाला सिस्टम
ऑरस सीनेट को सिर्फ लोहे और कांच से ही मजबूत नहीं बनाया गया, बल्कि इसमें दिमाग भी लगाया गया है। इसमें लगा ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम 360 डिग्री तक आसपास के माहौल को लगातार मॉनिटर करता है।
- किसी भी तरह की संदिग्ध हलचल या खतरा महसूस होते ही यह सिक्योरिटी टीम को तुरंत अलर्ट भेज देता है।
- जरूरत पड़ने पर ड्राइवर को तुरंत रूट बदलने या स्पीड बढ़ाने के निर्देश दिए जाते हैं।
- कम्युनिकेशन सिस्टम इतना सुरक्षित है कि भारी गड़बड़ी, युद्ध या यहां तक कि न्यूक्लियर अटैक जैसी स्थिति में भी संपर्क बनाए रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
ऑरस सीनेट – मुख्य फीचर्स
| फीचर | जानकारी |
| कार का नाम | ऑरस सीनेट (Aurus Senat) |
| सेगमेंट | अल्ट्रा‑लक्जरी आर्मर्ड लिमोज़ीन |
| इंजन विकल्प | 4.4L ट्विन‑टर्बो V8, वैकल्पिक V12 |
| अनुमानित पावर | करीब 600 bhp के आसपास |
| 0–100 किमी/घंटा | कुछ सेकंड में (स्पोर्ट्स कार जैसी) |











